Not known Details About Shiv chaisa

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला।

हाथो में त्रिशूल लिए है गले में है सर्पो की माला

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, shiv chalisa in hindi अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

दर्शन देकर, धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र Shiv chaisa महेश्वर

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

डग मग नैया ढोल रही है पवन का तेज है बहाओ,

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

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